यौन स्वास्थ्य शारीरिक, भावनात्मक, मानसिक और सामाजिक कल्याण की एक अवस्था है। यौन स्वास्थ्य के लिए कामुकता और यौन संबंधों के साथ-साथ सुखद और सुरक्षित यौन अनुभव होने की सम्भावना भी होनी चाहिए।
(और पढ़ें - सेक्स की जानकारी)
यौन स्वास्थ्य शारीरिक, भावनात्मक, मानसिक और सामाजिक कल्याण की एक अवस्था है। यौन स्वास्थ्य के लिए कामुकता और यौन संबंधों के साथ-साथ सुखद और सुरक्षित यौन अनुभव होने की सम्भावना भी होनी चाहिए।
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सेक्स करने से न सिर्फ आनंद का अनुभव होता है बल्कि स्वास्थ की दृष्टि से भी यह अच्छा माना जाता है। आइये जानते हैं कि सेक्स किस प्रकार से आपके स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है -
आपके पार्टनर के करीब जाने से चिंता और तनाव में कमी आती है। अम्बरदार कहती हैं, गले लगाने या छूने से आपके शरीर से ख़ुशी का अनुभव कराने वाले हार्मोन (feel-good hormone) मुक्त होते हैं। कामोत्तेजना (Sexual arousal) के समय आपके मस्तिष्क से एक रसायन मुक्त होता है जिसके कारण आपके मस्तिष्क का ख़ुशी और प्रतिक्रिया का स्तर बढ़ जाता है। सेक्स और घनिष्ठता (intimacy) आपका आत्म सम्मान और ख़ुशी बढ़ाते हैं। अम्बरदार के अनुसार, यह न केवल स्वस्थ्य बल्कि खुश रहने का भी एक बेहतरीन नुस्खा है।
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अगर आप सेक्स के तुरंत बाद सो जाते हैं तो यह अच्छा संकेत है। कैलीफ़ पश्चिम हॉलीवुड की मनोचिकित्सक, शनी अम्बरदार कहती हैं, संभोग के बाद प्रोलैक्टिन हार्मोन मुक्त होता है जो विश्राम और नींद के लिए प्रेरित करता है इसलिए सेक्स के बाद नींद अच्छी आती है।
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एक अध्ययन के दौरान, जो लोग महीने में लगभग 21 दिन सेक्स करते हैं उनमें प्रोस्टेट कैंसर होने की संभावना बहुत कम होती है। इसका लाभ उठाने के लिए आपको किसी पार्टनर की ज़रूरत नहीं होती है। आप यौन-संबंध, स्वप्नदोष (nocturnal emission), हस्तमैथुन (masturbation) के द्वारा भी इसका लाभ उठा सकते हैं लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि केवल सेक्स करने से कैंसर से बचा जा सकता है। कैंसर के लिए बहुत कारक उत्तरदायी होते हैं। लेकिन इतने सेक्स से कोई नुकसान नहीं होगा।
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न्यूज़र्सी स्टेट यूनिवर्सिटी के रूटगेर्स में एक प्रतिष्ठित सेवा प्रोफेसर, कोमिसारुक कहते हैं कि संभोग दर्द को खत्म करने में काफी हद तक सहायक है। उनके अनुसार आप एस्पिरिन (aspirin) लेने से पहले सेक्स करके देखें आपको दर्द में ज़रूर राहत मिलेगी क्योंकि सेक्स के दौरान जो हार्मोन मुक्त होता है उससे दर्द में राहत मिलती है। संभोग के बिना उत्तेजना भी दर्द में राहत पहुँचाती है। कई महिलाओं ने बताया है कि योनि में उत्तेजना पीठ और पैर के दर्द को कम करने में मदद करती है। कोमिर्सुक के अनुसार, मासिक धर्म के दौरान होने वाली ऐंठन, जोड़ों में दर्द और सिर दर्द में भी इस उत्तेजना से राहत मिलती है।
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जीवन में अगर यौन सम्बन्ध अच्छे हों तो आपका दिल भी स्वस्थ्य रहता है। आपकी हृदय गति को सुचारु रूप से चलाने के साथ साथ संभोग आपके एस्ट्रोजन और टेस्टोस्टेरोन हार्मोनों को संतुलित रखने में मदद करता है। इनमें से किसी में भी कमी होने पर आपको अनेकों समस्याओं जैसे ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis) या अन्य हृदय रोगों का सामना करना पड़ सकता है। एक अध्ययन के मुताबिक जो लोग हफ्ते में दो बार सेक्स करते थे उनकी, हृदय रोगों के कारण मरने की सम्भावना कम होती थी जबकि जो सेक्स में बहुत कम रुचि रखते थे उन्हें हृदय रोगों का खतरा अधिक रहता था।
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पिनज़ोन के अनुसार, सेक्स व्यायाम का बहुत अच्छा रूप है। सेक्स करने के दौरान विभिन्न मांसपेशियों का उपयोग होता है और हृदय गति भी बढ़ती है। दूसरे शब्दों में सेक्स के दौरान 5 कैलोरी प्रति मिनट बर्न होती है। पिनज़ोन कहते हैं की इसे व्यायाम की तरह नियमित रूप से करने से और अधिक फायदे होते हैं, ख़ास तौर से वजन घटने के लिए।
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असंयमिता (incontinence) से बचने के लिए पेलविक फ्लोर की मांसपेशियों का मज़बूत होना बहुत महत्वपूर्ण है, जो लगभग 30% महिलाओं को प्रभावित करता है। अच्छा यौन सम्बन्ध एक व्यायाम की तरह है जो आपके पेलविक फ्लोर की मांसपेशियों को लाभ पहुँचता है। जब आप संभोग करती हैं तो उन मांसपेशियों में संकुचन होता है जिससे वे मज़बूत होती हैं।
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प्रसूति एवं स्त्री रोग की सहायक चिकित्सकीय प्रोफेसर, लॉरेन स्ट्रिक्शर के मुताबिक, सेक्स करने से यौन सम्बन्ध तो बेहतर होते ही हैं आपकी कामेच्छा में भी सुधार होता है। महिलाओं में सेक्स करने से योनि में लुब्रिकेशन, रक्त प्रवाह और लचीलापन बढ़ता है जिससे सेक्स करने में आनंद तो आता है है साथ ही संभोग करने की इच्छा में भी बढ़ोतरी होती है।
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यौन स्वास्थ्य विशेषज्ञ, येवोन के फुलब्राइट के अनुसार, यौन रूप से सक्रिय लोग अन्य लोगों की तुलना में कम बीमार होते हैं। जो लोग यौन संबंध रखते हैं, उनका इम्यून सिस्टम रोगाणुओं, वायरस और अन्य बीमारी फ़ैलाने वाले कारकों के प्रति अधिक सजग रहता है। पेंसिल्वेनिया में विल्केस यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने पाया कि एक सप्ताह में एक या दो बार सेक्स करने वाले कॉलेज के छात्रों की तुलना में जिन छात्रों ने कम सेक्स किया उनमें एंटीबॉडी कम मात्रा में पायी गयी। सेक्स के अलावा आपके इम्यून को और भी चीज़ें स्वस्थ बनाती हैं, जैसे सही खान पान, सक्रिय रहना, पर्याप्त नींद लेना, सही समय पर टीकाकरण, कंडोम का प्रयोग आदि। अमाय कल्याण के सीईओ और चिकित्सा निदेशक, यूसुफ जे पिनोजोन कहते हैं कि संभोग विशेष रूप से (हस्तमैथुन के आलावा) सिस्टोलिक (Systolic) ब्लड प्रेशर को भी कम कर देता है।
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पुरुष सेरोटोनिन हार्मोन के स्तर से प्रभावित होते हैं। जिसके कुछ दुष्प्रभाव भी होते हैं जैसे कामेच्छा में कमी, लिंग को बनाये रखने में परेशानी आदि। पुरुषों पर सेक्स के बाद होने वाले दुष्प्रभाव इस प्रकार हैं :
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सेक्स के दौरान पैरों में दर्द होना आम बात है। आप किसी भी व्यक्ति में सम्भोग की इच्छा उसके पैरों की उंगलियां देख कर पहचान सकते हैं। इस दौरान वो ऐंठ जाती हैं। सेक्स के दौरान रीढ़ की हड्डी की नसों में बहुत सारी गतिविधियां होती हैं। जिस कारण श्रोणि (pelvis) की मांसपेशियां इस दौरान सिकुड़ जाती हैं। और कभी कभी अधिक उत्तेजना के कारण पैरों की अंगुलियां भी ऐंठ जाती हैं।
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जब आप सेक्स करते हैं तब क्रिमैस्टर (cremaster) मांसपेशियां सिकुड़ जाती हैं जिस कारण आपके वीर्यकोष (testicles) ऊपर की ओर उठ जाते हैं। यह संकेत होता है इस बात का कि वो छोटे हो गए हैं। ये वही मांसपेशी है जो ठंडे पानी में भी सिकुड़ जाती है।
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किसी भी पुरुष के लिए यह असंभव होता है कि वो सम्भोग के तुरंत बाद फिर से कोशिश करे। संभोग के बाद नसों को उस क्षेत्र में दोबारा उत्तेजना लाने के लिए फिर से उत्पन्न होने की ज़रूरत होती है। ऐसा स्खलन के दौरान मस्तिष्क में रक्त प्रवाह के पुनर्वितरण के कारण भी हो सकता है। इसलिए दोबारा उसी स्थिति में आने के लिए थोड़ा समय लगता है। लेकिन महिलाओं में ऐसा कुछ नहीं होता वो एक बार में एक से अधिक बार संभोग कर सकती हैं। सेक्स के दौरान थकान आपकी उम्र पर भी निर्भर करती है। अगर आप मात्र 20 साल के हैं तो आपको सिर्फ 5 मिनट के लिए थकान होगी लेकिन उम्र बढ़ने के साथ साथ थकान का समय भी बढ़ता जाता है और 50 की उम्र के बाद यह थकान कई दिनों में बदल जाती है।
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स्खलन (ejaculation) के तुरंत बाद अगर आपको पेशाब का अनुभव होता है तो इसका मतलब है कि आपके पाइप भरे हुए हैं। "स्खलन के दौरान तरल पदार्थ जब आगे आता है तो अवरोधिनी मांसपेशी (sphincter muscle) मूत्राशय की गर्दन को बंद कर देती है। अन्यथा तरल पदार्थ मूत्राशय के माध्यम से वापस चला जायेगा। मांसपेशियों को सेक्स के बाद आराम करने में कुछ समय लग सकता है। यदि आप इसे ज़बरदस्ती बाहर करेंगे तो यह थोड़ा दर्दनाक हो सकता है लेकिन यह हानिकारक है। इसलिए थोड़ा सब्र करके सारी मांसपेशियों के सही हो जाने के बाद ही मूत्र त्यागें।
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सेक्स के बाद शिश्न (Penis) में केवल कुछ सेकंड के लिए दर्द हो सकता है जो बिलकुल भी चिंताजनक नहीं है। जब आप अधिक तेज़ी से सेक्स करते हैं तो मांसपेशियों के सिकुड़ने से लिंग में थोड़ा दर्द होता है। आप स्पर्म 25 मील प्रति घंटे की तीव्रता से रिलीज कर सकते हैं। अगर आपको दर्द का अनुभव कुछ घंटों बाद तक या कुछ दिनों तक होता है तो इसका अर्थ है कि आपको अंडकोष, अधिवृषण (epididymis), प्रोस्टेट या मूत्रमार्ग आदि में इन्फेक्शन हो गया है। इस स्थिति में डॉक्टर से सलाह ही आपके काम आ सकती है।
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एक अध्ययन के अनुसार, सेक्स के दौरान पुरुषों के मस्तिष्क में रक्त प्रवाह में एक जबरदस्त बदलाव होता है। जब आप चरमोत्कर्ष पर होते हैं तो मस्तिष्क में रक्त प्रवाह कम हो जाता है। मस्तिष्क के जिस हिस्से से (लगभग 70 प्रतिशत) आप निर्णय लेते है उसमे रक्त प्रवाह नहीं होता जिस कारण आप न्यूरॉन्स को सक्रिय नहीं कर सकते और आपको नींद आ जाती है।
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किसी भी चीज़ की अधिकता हानिकारक होती है। इसलिए जीवन में हर चीज़ का आनंद एक हद में रहकर ही उठाना चाहिए। यही नियम संभोग पर भी लागू होता है। अगर सेक्स भी ज़रूरत से ज्यादा किया जायेगा तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। आइये जानते हैं महिलाओं पर सेक्स से होने वाले दुष्प्रभाव:
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यूटीआई (UTI) मूत्र पथ के संक्रमण हैं, जो किसी के साथ भी हो सकता है। हालांकि अगर आप यौन रूप से सक्रिय महिला हैं तो आपको ये होने ही सम्भावना अधिक हो जाती है। इसलिए इससे बचने के लिए खूब पानी पिएं और अपनी योनि की सफाई का ध्यान रखें और सेक्स के पहले मूत्र त्याग ज़रूर कर लें।
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संभोग के बाद योनि से एक तरल पदार्थ निकलता है। यह कोई दुष्प्रभाव नहीं है। वास्तव में महिलाओं में बहुत कम मात्र में योनिस्राव होता है लेकिन जब अधिक मात्रा में हो तो यह चिंताजनक होता है।
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सेक्स के दौरान या बाद में और खास तौर पर तो पहली बार सेक्स करने में दर्द का अनुभव होता ही है। जननांग संरचना में नाजुक और जटिल होते हैं इसलिए अगर इनमे नमी नहीं होगी तो आपको परेशानी होगी। अत्यधिक कठोर तरीके से सेक्स करना भी दर्द का कारण बन सकता है।
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योनि में गैस बनना (Queefs) बहुत ही आम बात है। जब महिला की योनि में हवा जाती है तो इसका बाहर निकलना एक प्राकृतिक प्रक्रिया है। लेकिन जब यह हवा निकलती है तो एक आवाज़ होती है जैसे कि गैस में होती है लेकिन इनमें सिर्फ यह अंतर होता है कि यह हवा योनि से निकलती है। इसमें आपको शर्म महसूस करने की ज़रूरत नहीं है। यह एक प्राकृतिक क्रिया है और अधिकतर महिलाओं को होती है।
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संभोग के दौरान अच्छा खासा व्यायाम हो जाता है क्योंकि इस दौरान आपका शरीर लगातार गति करता है। साथ ही सेक्स आपका तनाव भी दूर करने में कारगर है। इसलिए सेक्स के बाद नींद आना आम बात है।
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